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प्रेमिका के होंठों पर शायरी सुना कर उनको ख़ास होने का एहसास दिलाएं । पढ़िए होंठों की तारीफ में शायरी और उनके हर एक पल को स्पेशल बना दीजिए।

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प्रेमिका के होंठों पर शायरी | 97 Attractive Captions on Her Lips

आइये पढ़ते है खूबसूरत होंठों पर कविताएं :-

1.

तेरे इन होंठों का सनम जाम, 

पीना चाहता हूं मैं सुबह शाम। 

2.

तेरे होंठों को चूमकर ऐ सनम, 

भूल जाता हूं मैं अपने सारे गम। 

3.

तेरे होंठों का है ऐसा नशा, 

दूर रहकर रहता हूँ मैं प्यासा। 

4.

अपने होंठों का सनम बस, तू जाम पिला दे। 

मुझे थोड़ी सी बस, ये तू खुशी दिला दे। 

5.

जब-जब तेरे मेरे होंठों से मिलते हैं, 

 मेरे सारे गम खुशी में बदलते हैं। 

6.

होंठों से तेरे होंठों को सनम चूमकर, 

बिना नशा किए रह जाता मैं झूमकर। 

7.

तेरे होंठों को जब-जब मैंने चूमा है, 

मेरा दिल मंदमस्त होकर झूमा है। 

8.

ऐ सनम तुझसे बस प्यार करना चाहता हूं,

तेरे होंठों से अपने होंठों को छूना चाहता हूं। 

9.

तेरे होंठ खामोश अच्छे नहीं लगते सनम, 

 बिन कहे बहुत कुछ कह जाते हैं यह सनम। 

10.

आंखों से तो छुपा लोगे, सारे गम तुम सनम। 

मगर होंठों की खामोशी, कह जाएंगे तेरे सारे गम। 

11.

तेरे खूबसूरत होंठ ये सनम, तेरी चेहरे की खूबसूरती बढ़ा देते हैं। 

मुझे तेरे पास आने को ये, हर पल मजबूर कर देते हैं। 

12.

तेरे होंठों से जब भी, लगता है चाय का प्याला सनम। 

मिठास उसकी बैठ जाती है दोगुनी, चाहे चाय में मीठा हो कितना भी कम। 

13.

तेरे होंठों का एक बार जाम जो पी लूं,

मैं एक दिन मैं ही सारी खुशियां जी लूं। 

14.

ओ मेरी प्यारी महबूबा, 

तेरे इन होंठों पर मेरा दिल डूबा। 

15.

तेरे इन खूबसूरत होंठों की कसम,

सनम प्यार कभी भी ना होने दूंगा कम। 

16.

जब से तेरे खूबसूरत होंठों को चूमकर मैं गया,

सनम प्यार का मतलब मैं अच्छे से समझ गया। 

17.

तेरे खूबसूरत होंठों की ये मुस्कान, 

लेती है सनम तुझे देख मेरी जान। 

18.

लगता है तेरे होंठों में मैं ऐसा खो जाऊं, 

सारी दुनिया को फिर मैं भूल जाऊं। 

19.

कसम से ऐ मेरे प्यारे सनम, 

तेरे खूबसूरत होंठ ढाते हैं मुझ पर सितम। 

20.

होंठों पे तेरे जब लिपस्टिक लगती है, 

तू बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लगती है। 

21.

प्यार ना कर बस, होंठों का जाम पिला दे। 

मेरी मोहब्बत का मेरी महबूबा,

बस तू मुझे ये सिला दे। 

22.

तेरे होंठों का ये नशीला जाम, 

करना चाहता हूं मैं अपने नाम। 

23.

मेरी प्यारी महबूबा ओ मेरी जान, 

तेरे होंठों की खूबसूरती लेती हैं मेरी जान। 

24.

24.जब तूने मुझे अपने होंठों से जाम पिलाया है, 

मेरा दिल बस तेरा बनकर रह गया है। 

25.

मेरी महबूबा तेरे यह होंठ कायनात ढाते हैं, 

मुझे बस तेरी ओर खींच लाते हैं। 

26.

मेरी महबूबा तेरे ये रसीले होंठ, 

मेरे दिल पर देते हैं गहरी चोट। 

27.

तेरे होंठों को  चूम के ऐसा सुकून मिला है,

जीवन मेरा गम से खुशियों में बदल गया है। 

28.

तेरे रसीले होंठों में मैं ऐसे डूबा, 

तुझे भूल नहीं सकता अब मेरी महबूबा। 

29.

ओ जानेमन ओ जाने बाहर,

मुझे है तेरे खूबसूरत होंठों से प्यार। 

30.

30.तेरे प्यारे होंठों को चूम के, मैं सब कुछ भूल जाऊँ। 

तू कहे तो ओ मेरी महबूबा, यह दुनिया छोड़ जाऊं। 

31.

उसके गालों को चूम कर, फिर उसके होंठों को मैंने चूम लिया। 

अपनी महबूबा से मैंने प्यार का इजहार, कुछ इस अंदाज में है किया। 

32.

मेरी प्रियतमा, मेरी प्रिया, 

 तेरे इन होंठों पर हूं मैं फिदा। 

33.

होंठों को चूमते हुए, जब मैंने उसे आई लव यू कहा। 

उसने जवाब मुझे हंसते हुए फिर, आई लव यू टू दे दिया। 

34.

प्रिये! तेरे होंठ है इतने मस्त, 

चेहरे को बना देते हैं वह तेरे जबरदस्त। 

35.

चेहरा मासूम सा मेरे सनम का, मगर होंठ उसके शरारत करते हैं। 

शायद मेरे प्यार पाने, वो बहुत ही ज्यादा तरसते हैं। 

36.

प्यास तेरे होंठों की, मुझे तेरे पास बुलाए। 

तुझसे मिले बिना मुझसे, अब एक पल ना रह जाए। 

37.

मेरे सनम तेरे होंठ ये गुलाबी, 

बिन पिए ही बना देते हैं मुझे शराबी। 

38.

तेरे होंठों का रसीला रस, 

रहता नहीं अब दिल पर मेरा बस। 

39.

तेरे होंठों को चूम कर प्रियतमा, मैं तुझ में ही खो जाता हूं। 

हां मैं बस तेरा ही सिर्फ, तेरा ही हूं जाता हूं। 

40.

जानम तेरे होंठों को वो चुंबन, 

मदमस्त हो जाता है मेरा अंतर्मन। 

41.

ऐ सनम नशीली तेरी आंखें और रसीले तेरे होंठ, 

इन्हें देख कर सबके मन में आ जाती है खोट। 

42.

तेरे होंठों को कुछ इस तरह, 

चूमना मैं चाहता हूं। 

तुझे बस अपना ही मैं,

अब बनाना चाहता हूं। 

43.

आंखें होती है बंद तेरी, जब तेरे खूबसूरत होंठ को मैं चूमता हूं। 

तेरी मासूम इस अदा पर ही तो, मैं हमेशा से ही मरता हूं। 

44.

तेरे ये गुलाबी होंठ, मुझे गुलाब के फूल से लगते हैं। 

मेरे आस-पास ओ सनम ये तेरे, प्यार की खुशबू बिखेरते है। 

45.

तेरे होंठों की चुंबन का पहला एहसास, 

 था मेरे लिए सनम बहुत ही खास। 

46.

तेरे  होंठों का सनम ये जादू, 

हो गया मैं अब बेकाबू। 

47.

प्रियतमा चखकर तेरे होंठों का रसीला जाम, 

भूल जाता हूं मैं अपने सभी काम। 

48.

तेरे होंठ है ये सनम बहुत ही फरेबी, 

घूमाते हैं मुझे तेरे पीछे जैसे गोल-गोल जलेबी। 🤣🤣

49.

तेरे होंठों के चुंबन का हसीन असर, 

जिसने वार किया सीधे मेरे दिल पर। 

50.

चूमकर होंठ तेरे, तुझसे प्यार करता हूं। 

 तू पास ना हो तो तेरे लिए, सनम मैं बहुत तड़पता हूं। 

51.

तेरे इन खूबसूरत होंठों पर मेरी नजर, 

सनम जाती है हमेशा ही ठहर। 

52.

मेरे प्यारे सनम तेरे बिन कहे, होंठों की भाषा मैं पढ़ लेता हूँ। 

तेरी मोहब्बत की प्यास को, तुझे चूमकर में बुझा लेता हूँ। 

53.

मेरी जान, दिलरुबा तू ही है मेरी, 

होंठों की हंसी मुझे खूबसूरत लगती है तेरी। 

54.

होंठों का चूमकर हमारे वो चल दिए, 

हम पर उन्होंने खूबसूरत एहसान है किए। 

55.

तेरे होंठों को सनम बार-बार चूमना, 

चाहता हूँ तेरे साथ- साथ मस्ती में झूमना। 

56.

होंठ जैसे तेरे सनम हो जाम का प्याला, 

चूमते इसे ही लगता है मैं पहुंच गया मधुशाला। 

57.

होंठो तेरे मेरी महबूबा, कमाल करते हैं। 

इनकी एक झलक पाने को, हम पल-पल तरसते हैं। 

58.

महबूबा होंठों के ये तेरी प्यारी हंसी, 

 जिसपर सारी दुनिया है फंसी। 

59.

चुबंन तेरे होंठों के, ना भूल पाया में सनम। 

तभी फिर तेरे पास, लौट आया मैं सनम। 

60.

होंठों की भाषा वहीं समझ पाया है दिलबरा, 

जिसने हो हमेशा से ही  सच्चा प्यार  किया। 

61.

तेरे ये रसीले होंठों का ही तो कसूर है सनम, 

तभी तो तुझसे बिल्कुल दूर नहीं रह पाते हम। 

62.

तेरे मुलायम होंठ मुझे, बहुत अच्छे लगते हैं। 

इन पर ही हम तो, दिन रात सनम मरते हैं। 

63.

ना इतना दूर जा, ओ मेरे सनम। 

वरना तेरे होंठों के प्यासे, रह जाएंगे हम। 

64.

होंठों पर तेरे महबूबा नाम, 

आता है मेरा ही सुबह शाम। 

65.

महबूबा होंठों के तेरे, चुबंन का ऐसा है असर। 

खुद को मैं भूल गया हूँ, क्या तुझे इस बात की है खबर। 

66.

होंठों की वो चुंबन की सनम तेरी निशानी, 

दिलाती है मुझे तेरे प्यार की वो याद पुरानी। 

67.

सुबह-सुबह उसकी होंठों का जो जाम पिया, 

दिन का हर पल मैंने बहुत ही खूबसूरती से जिया। 

68.

68.सुबह की चाय में वह मिठास नहीं मिलती, 

जो उसके होंठों के जाम से है मिलती। 

69.

मेरे दिल की ख्वाहिश है चूम लूं होंठ तेरे, 

प्यार से मैं अब होंठों को छू लूं तेरे। 

70.

आंखों ही आंखों से इशारा करती है, 

सनम अपने होंठों से जो बात नहीं कहती है। 

71.

उसने अपने होंठों से मेरे बदन को छुआ, 

ठंड के मौसम में मुझे पसीना पसीना कर दिया। 

72.

सनम तेरे होंठों के ऊपर जो काला तिल है, 

वही तो ले गया मेरा ये मासूम दिल है। 

73.

चंचल शोख, कातिलाना अदाएं, 

सनम के गुलाबी होंठ ही तो मुझे तड़पाए। 

74.

उसके होंठों पर जब मेरा नाम आता है, 

सुनकर दिल खुशी से पागल हो जाता है। 

75.

उसकी रसीले होंठों का जाम, हर कोई पीना चाहता है। 

मैं खुशकिस्मत हूं यह जाम, सिर्फ मेरे नसीब में आता है। 

76.

जब अपने दांतो से होंठों को दबाती है वो, 

मत पूछो मुझ पर क्या कयामत ढाती है वो। 

77.

होंठों पर लिपस्टिक जब लगाती है लाल, 

ले लेती है मेरी महबूबा मेरी तब जान। 

78.

होंठों की बनावट है तेरी कुछ खास, 

लगती है मेरी महबूबा तू सबसे झक्कास। 

79.

मेरे सनम के होंठ जब एक दूसरे से मिलते हैं, 

मेरे ही नाम बस हर वक्त वो लेते हैं। 

80.

आजा मेरे दिल की रानी, आजा मेरी जाने बहार। 

तेरे होंठों को चूमकर, करना चाहता हूँ तुझसे बस प्यार। 

81.

मेरी जान होंठ तेरे हर पल अंदाज बदलते हैं, 

कभी खामोश रहकर भी बहुत कुछ कह देते हैं। 

82.

दिलरुबा तेरे होंठों का असर ही तो है ये सारा, 

चूमकर इन्हें भूल जाता हूँ मैं अपना गम सारा। 

83.

महबूबा मेरी जान लेनी है मेरी तो ले ले, 

मगर बस एक बार होंठों से इश्क का जाम दे दे। 

84.

नादान है ये दिल मेरा, तुझसे बेपनाह मोहब्बत करता है। 

तेरे इन होंठ की करें कोई और तारीफ, तो सनम दिल मेरा बहुत जलता है। 

85.

तेरे होंठ के पीके प्याला, 

रोज जाने लगा हूँ में मधुशाला। 

86.

होंठ का जाम मेरी महबूबा जब पिलाती है, 

तब अक्सर मुझसे कुछ गुस्ताखियां हो जाती है। 

87.

तेरे इन होंठ को मेरी महबूबा, कभी ना लगे किसी की नजर। 

मेरी नज़र के अलावा किसी की नजर, ना पड़े तेरे इन हसीन होंठों पर। 

88.

रसीले होठ तेरे पास बुलाए, 

इन चूमे बिना मुझे चैन ना आए। 

89.

इन होंठों से तुम चूमती हो जब, 

भूल जाता हूँ मैं सब कुछ तब। 

90.

ये गुलाबी होंठ तेरे, 

करते हैं खामोश रहकर इशारे। 

91.

मेरी दिलरुबा इतना, अब ना मुझे तू तड़पा। 

होंठों से मिला होंठों के मेरे, अब मेरी प्यास बुझा। 

92.

होंठ है इतने मुलायम, ओ मेरी महबूबा तेरे। 

छूकर इन्हें हलचल सी उठती है, अंग-अंग में मेरे। 

93.

ऐ सनम तेरे होंठों पर, लिखना चाहता हूँ मैं शायरी। 

लिख लिखकर वो शायरी, भरना चाहता हूँ मैं डायरी। 😀

94.

तेरे होंठों पर सनम कई लिख दूँ मैं गजल, 

तूने मजायी है मेरे अंग-अंग में ऐसी हलचल। 

95.

जमाने की खूबसूरती एक तरफ मेरी प्रिया, 

तेरी होठों की खूबसूरती ने बस लिया है मेरा जिया। 

96.

तू पास नहीं रहती तो, तेरी तस्वीर को देख लेता हूँ, 

तुझे प्यार करने के लिए मैं, तेरे होंठों को ही चूम लेता हूँ। 

97.

होंठों के ये सनम तेरे लाल रंग, 

करता है मेरा हमेशा ध्यान भंग।

मुझे आशा है कि लाल होंठों पर शायरी ने आपको आकर्षित ज़रूर किया होगा। अगर आपका कोई भी सुझाव हो तो Comment Section में मुझे ज़रूर बताएं।

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