महंगाई और राजनीति दोनों ने लुटिया हमारी है डुबोई ,आप इससे अनजान ना रहे मेरे भाई। महंगाई पर राजनीति शायरी से, जान पाएंगे आप पूरा सच आज। जी हाँ दोस्तों मै सोनिया लाई हूँ इसी जानकारी पर 61 महंगाई पर राजनीति Caption
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महंगाई पर राजनीति शायरी। 61 शानदार funny Captions
हकीकत से होना चाहिये वास्ता ताकि महंगाई को दिखा सके बाहर का रास्ता। जानिए मेरे साथ महंगाई पर राजनीति संदेश। बने रहे ब्लॉग पर अंत तक आप।
आइये जानते है :
1
महंगाई डायन को राजनीति देती है वजन ,
तभी तो देश में नहीं बचा अमन।
2
महंगाई बड़ी आजाद घूम रही है ,
तभी तो हमारी दुर्दशा हो रही है।
3
महंगाई ने किसी पर दया नहीं खाई ,
इसने राजनीति से शिक्षा ली है भाई।
4
महंगाई से करनी होगी fight
राजनीति है बुराइयों की बहुत बड़ी website
5
महंगाई ने पूरा ना होने दिया आशियाने का सपना ,
और राजनीति ने कहा अब घर लो loan पर अपना।
6
महंगाई का करो मुंह काला,
राजनीति को दो जहर का प्याला ,
तभी होगा हमारी किस्मत का उजाला।
7
राजनीति तो बजाए महंगाई की शहनाई ,
इसने कहाँ गरीबों से मोहब्बत दिखाई।
8
महंगाई ने दिवाली के दीये जलने ना दिये,
राजनीति ने इतने तेल के कैन पिये।
9
महंगाई ने गरीबों को भूखा सुलाया ,
पर राजनीति को जरा भी रहम ना आया।
10
महंगाई है एक भड़कती ज्वाला ,
राजनीति ने इसमें डाला और मसाला ,
तभी तो निकला गरीबो का दिवाला।
महंगाई पर राजनीति Slogans
11
शिक्षा में आ गई है कमी,
राजनीति ने महंगाई से छीनी मासूमों के चेहरे की हँसी।
12
राजनीति तो महंगाई लाती है ,
इससे किसी की ख़ुशी कहा देखी जाती है।
13
नौकरी की कतार में रिश्वत की महंगाई भी बढ़ती दिखाई दी ,
तभी तो राजनीति में पढ़े लिखो की कमी दिखाई दी।
14
महंगाई ने जलाई कई चिताए ,
फिर भी राजनीति कुछ कर ना पाए।
ऐसे में आप जरूर आगे आए ,
और विरोधियों को मार भगाए।
15
महंगाई है एक कफ़न ,
जिसे करना होगा अब दफ़न।
16
महंगाई और राजनीति दोनों एक ही कदम चले,
इसी से है हमे खतरे बड़े।
17
राजनीति महंगाई को कभी नहीं करती फीकी ,
इसी से मिलती इनको रोटी।
18
महंगाई से ये आम जनता को लूटे ,
राजनीति में बैठे है सारे झूठे।
19
राजनीति है बहुत बड़ी झूठी ,
महंगाई से करे ये अपने घर की पूर्ति।
20
महंगाई ने मचाई है तबाही,
राजनीति की कर दो आप पिटाई।
महंगाई पर राजनीति Quotes
21
राजनीति को महंगाई कहाँ दिख पाई ,
इसी ने तो ये मुसीबत हमारे गले लगाई।
22
आवाज को करो बुलंद ,
महंगाई और राजनीति को देना होगा अब हमें दंड।
23
महंगाई की होना चाहिए अब सफाई ,
राजनीति ने बहुत गंद है मचाई।
24
महंगाई से लड़ो मेरे भाई ,
ये आग राजनीति ने लगाई।
25
महंगाई ने गरीबों की कश्ती डुबोई ,
फिर राजनीति दिखावा करके बहुत रोई।
26
महंगाई ने घर रोशन ना होने दिए ,
राजनीति ने बस बड़े बड़े वचन दिए।
27
महंगाई के धागे से राजनीति चले है अपने प्यादे ,
अब आप भी समझो इनके गलत इरादे।
28
महंगाई से राजनीति करे हम पर प्रहार ,
तो क्यों ना पहनाए हम इन्हे जूतों का हार।
29
मार गिराओ अब राजनीति को यार ,
महंगाई को यही करती है सबसे ज्यादा प्यार।
30
महंगाई है एक बुखार ,
जिसने किया हर इंसान को बीमार।
महंगाई पर राजनीति रचनाएँ
31
तलवार की धार महंगाई है एक वार ,
फिर भी राजनीति चढ़ाए इन पर हार।
32
राजनीति के लिए महंगाई है एक फ़ुहार ,
तभी इनके घर में है धन अपार।
33
राजनीति महंगाई को कभी कम नहीं करती ,
इसी के दम पर वो अपना पेट भरती।
34
महंगाई की फाइल राजनीति करती तैयार ,
जिसके कारण नहीं मन पाता हमारा त्यौहार।
35
महंगाई ने गरीबों को सूली चढ़ाया ,
राजनीति की है ये सारी माया।
36
हर क्षेत्र में महंगाई बड़ाई ,
राजनीति ने कही भी इंसानियत ना निभाई।
37
जल पर भी कीमत लगाई ,
राजनीति ने ऐसी महंगाई की आग लगाई।
38
महंगाई आसमान छूते जा रही है ,
राजनीति कुछ ना कर पा रही है।
39
महंगाई की बारिश राजनीति की है साजिश ,
तभी तो हमारी जिंदगी हुई खारिश।
40
हर सपने टूटे है ,महंगाई से कई अपने रूठे है।
बस अब राजनीति को आम इंसान के जूते पढ़ने बचे है।
महंगाई पर राजनीति कविताएं
41
महंगाई के दौर में राजनीति का है हर जगह शोर ,
तभी तो नेता बन गए है चोर।
42
महंगाई भी राजनीति करने लगी है,
तभी तो ये हर जगह दिखने लगी है।
43
हर गरीब महंगाई की चपेट में आया ,
राजनीति मुसीबत की है काया।
44
महंगाई का फंदा राजनीति का है धंधा ,
अब देना होगा इनको डंडा।
45
राजनीति ही तो महंगाई लाती है।
और बाद में वोट के लिए,
महंगाई कम करने का वादा हर गरीब से करके जाती है।
46
महंगाई और राजनीति की साठ गाँठ करती है जीवन खराब ,
शिक्षा का पाठ पढ़ाओ जरा इन्हे अब आप।
47
जागो जनता महंगाई है राजनीति की चाबी ,
अब लगा दो इनमे आगी।
48
पढ़ाई में भी महंगाई सवार हुई ,
इस राजनीति से आम इंसान की स्थिति बिगड़ गई।
49
महंगाई ने हर जगह तबाही मचाई ,
राजनीति ने कभी नहीं की कोई कार्यवाही।
50
महंगाई तो बस नाम है ,
बाकी राजनीति सारी मुसीबत का धाम है।
महंगाई पर राजनीति 2 line शायरी
51
राजनीति ने महंगाई को लगाया गले ,
तो फिर देश कैसे फूले फले।
52
महंगाई का बस्ता राजनीति ने नहीं किया सस्ता ,
तभी तो नेताओं के घर मिले है नोटों का बक्सा।
53
महंगाई के बर्तन बजने लगे है।
राजनीति के जतन दिखने लगे है ,
इसलिए तो इंसान अब बिकने लगे है।
54
महंगाई को राजनीति ने अपने बगल में बैठाया ,
तब भी आपने अपने वोट से इनको जीताया।
55
महंगाई की माया संसार दुःख में समाया ,
और राजनीति कहे ये सब किसने कराया।
56
महंगाई और राजनीति की करो जम के धुलाई ,
इन्ही ने सबकी बैंड बजाई।
57
राजनीति के कांड महंगाई से करे ये सबको परेशान ,
कृपया इन्हे वोट ना डाले ,ये नहीं देश के रखवाले।
58
महंगाई का कोई आकार नहीं ,
राजनीति का कोई सुविचार नहीं ,
तो आम जनता का कैसे हो भला कही।
59
महंगाई को मार दो भाई ,राजनीति तो हमेशा से है पराई ,
इसने कहाँ किसी की स्थिति सुधराई।
60
राजनीति ने हर जगह महंगाई लाई ,
इसके अंदर नहीं कोई भलाई।
61
महंगाई के द्वारा राजनीति ने हमें मारा ,
अब इनको वोट ना देना दुबारा।
महंगाई पर राजनीति शायरी के मेरे ब्लॉग ने दिए है। आपको 61 महंगाई पर राजनीति status ,बनाइए इन्हे अपने caption और संदेश ,तभी जान पाएंगे और लोग भी महंगाई के खेल। जिसके कारण नहीं हो पा रहा ,आम इंसान के बीच में मेल।
“कदम से कदम आगे मिलाकर उड़ चली हूँ बिना कोई डर”